Samkaalin Hindi stri Kavita Chintan ke Vividh Aayaam Vishesh Sandarbh 1990 se 2018 tak

Abstract
हिंदीकविताकीपरंपरामें‘स्त्री-कविता’पदबंधस्त्रीरचनाशीलताकेसांस्कृतिकउन्मेषकाप्रतीकहै।नौवेंदशककीआमूलवैश्विकपरिघटनाओंनेसाहित्य,समाजतथाजनमानसकीचित्तवृत्तिकोअप्रत्याशितरूपसेप्रभावितकिया।अनामिका,कात्यायनी,गगनगिल,सवितासिंह,शुभा,अनीतावर्मा,रंजनाजायसवाल,नीलेशरघुवंशी,रजनीतिलक,सुशीलाटाकभौरे,निर्मलापुतुलआदिदर्जनोंकवयित्रियोंनेअपनीकविताओंकेजरियेलोकमेंबसेस्त्री-मनकोव्यापकसंदर्भोंसेजोड़ा।पितृसत्तात्मकसंबंधोंसेअलगउसेएकविश्वनागरिकऔरमनुष्यरूपमेंप्रतिष्ठितकिया।स्थानीयऔरविश्वायनकामिश्रितस्वरस्त्री-कवियोंकोएकऐसेमनुष्यकीनिर्मितिकीओरउन्मुखकियाजोविश्वकीविविधताओंकोआत्मसातकरसके।सत्ताकेउन्मादीवएकपक्षीयस्वरूपकोचुनौतीदेतेहुएवहनयेमानव-संबंधकोस्थापितकरतीदिखतीहैं।समकालीनहिंदीकविताकीएकधाराइसप्रगतिशीलस्वरकेसाथआगेबढ़रहीहै। भाषाकीचमक-दमकसेदूरसंवेदनकीतंतुओंकोपकड़ेकात्यायनी,अनामिका,सवितासिंह,गगनगिलआदिकवयित्रियोंनेमानव-सभ्यताकेइतिहासकोस्त्री-दृष्टिसेउलट-पुलटकरदेखाहै।जीवनकेसारऔरसौन्दर्यकोहरहालमेंबचालेनेकीजिजीविषावृत्तिकोपालेदेशकीआमजनताकेउद्गारकोअनीतावर्मा,रंजनाजायसवाल,नीलेश,निर्मलापुतुलआदिकवयित्रियोंनेएकपहचानदीहै।स्त्री-कवितानसिर्फअपनेवर्तमानकेप्रतिसजगहैबल्किस्त्री-अस्मिताकेऐतिहासिकपहलुओंकेप्रतिभीचेतनशीलदिखतीहै।भाषावबोलीकीनवीनभंगिमावअर्थ-संप्रेषणस्त्री-कविताकेसृजनात्मकसंसारकोनवोन्मेषीवृत्तियोंसेजोड़ताहै।स्त्री-भाषाउसीनवोन्मेषीवृत्तिकाप्रतिफलहै।स्त्री-जीवनकेसाथसांसारिकजीवनकेगूढ़रहस्यस्त्री-भाषामेंढलकरसहज-सुगमहोजाताहै।हिंदीकविताकीपरंपरामेंस्त्री-कविताकायहस्वरअपनेसमकालकोसमझनेकीकुंजीहै।
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Keywords
Arts and Humanities, Literature, Poetry
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